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काली मिर्च का भारतीय मसालों में बहुत अहम स्थान है जिसे अंग्रेजी में ब्लैक पेपर के नाम से जाना जाता है। यह केवल हमारे भोजन का ही स्वाद नही बढ़ाती बल्कि इसके द्वारा घरेलू नुस्खों से रोगों को भी ठीक किया जाता है। काली मिर्च में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कैरोटीन, थायमीन रिबोफ्लोवीन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि पौषक तत्व पाये जाते है तो आईये आज हम काली मिर्च से होने वाले फायदों (Benefits Of Black Pepper) के बारे में बात करेंगें।
यूनानी मतानुसार काली मिर्च उदरपीड़ा, डकार और अफारा मिटाकर कामोत्तेजना एवं विरेचन करती है। अरुचि, …जीर्ण ज्वर, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, पक्षाघात, नेत्ररोग आदि पर भी यह हितकारी है।
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- जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त हो जाएगा।
- खांसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटें। खांसी दूर हो जाएगी।
- गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।
त्वचा रोग : काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो जाते हैं।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं तो काली मिर्च को किशमिश के साथ 2-3 बार चबाकर खा जाएं। एक गिलास छाछ में थोड़ी सा काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- दांतों में होने वाले रोग पायरिया से परेशान हैं और दांत कमजोर हैं तो काली मिर्च को नमक के साथ मिलाकर दांतों पर लगाएं, जल्द ही लाभ होगा।
- गठिया के रोगियों के लिए भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है। काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में आराम मिलेगा।
- आपकी याददाश्त कमजोर है तो काली मिर्च को शहद में मिलाकर खाएं।
- यदि पेट में कांटा, कांच का टुकडा आदि खाने के साथ या किसी भी भांति चला जाए तो पके हुए अनन्नास के साथ काली मिर्च और सेधा नमक लगाकर खाने से पेट में गया हुआ कांच या कांटा निकल जाता है।
- कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पांच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।
- मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- काली मिर्च में मौजूद पिपराइन नामक यौगिक त्वचा में पिगमेंट बनाने में सहायक होता है जिससे ही त्वचा का रंग निर्धारित होता है। पिपराइन त्वचा में न केवल पिगमेंट के बनने की गति को तीव्र कर देता है बल्कि विटिलिगो के कास्मेटिक्स से किए जाने वाले इलाज की अपेक्षा कहीं ज्यादा कारगर साबित होता है। इससे भविष्य में विटिलिगो के इलाज में और भी दवाएं बनाई जा सकेंगी।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- यह एक बढिय़ा एंटीऑक्सीडेंट है। यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढिय़ा स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- काली मिर्च का प्रयोग नेत्र ज्योति में बडा सहायक होता है. इसके पाउडर को शुद्ध देशी घी के साथ मिला कर खाने से आंखों की ज्योति के साथ-साथ आंखों के कई रोग भी दूर होते हैं.
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श्वास संबन्धी रोगों में
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-आधा चम्मच काली मिर्च के पाउडर को थोडे गुड में मिला कर इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना कर चूसने से खांसी में आराम मिलता है.
- पानी में तुलसी, काली मिर्च, अदरक लौंग और इलाइची के साथ उबाल कर इसकी चाय बना कर पीने से जुखाम व बुखार में लाभ होता है.
- बारीक पिसी काली मिर्च, गुलहठी और मिश्री मिला कर रख दें, इस मिश्रण को एक चुटकी शहद के साथ मिला कर खाने से गले की तकलीफ में लाभ होता है तथा आवाज भी साफ होती है.
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पाचन तंत्र संबन्धी रोगों में
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काली मिर्च को किशमिश के साथ मिला कर २ से ३ बार चबा कर खाने से पेट के कीडे दूर होते हैं. छाछ में काली मिर्च पाउडर मिला कर पीने से पेट के कीडे मर जाते हैं.
- नींबू के टुकडों से बीज निकालकर इसमें पिसा काला नमक और काली मिर्च पाउडर भर कर गर्म कर के चूसने से बदहजमी में लाभ मिलता है.
- एक कप गर्म पानी में ३-४ पिसी काली मिर्च के साथ नींबू का रस मिला कर पीने से गैस की शिकायत दूर होती है.
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अन्य रोगों में
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- नमक के साथ काली मिर्च मिला कर दोतों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है तथा दांतो में चमक और मजबूती बढती है.
- पिसी काली मिर्च को थोडे से शहद के साथ मिला कर खाने से स्मरण शक्ति बढती है.
- पिसी काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गरम करें, ठंडा करके इस तेल को मांस पेशियों पर लगाने से गठिया के दर्द में फायदा होता है.
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- चार-पांच दाने काली मिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है। शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- यह एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है।काली मिर्च एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करती है। यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढ़िया स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
- गैस के कारण पेट फूलने पर काली मिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- सफेद काली मिर्च आंखों और मस्तिष्क के लिए उपयोगी मानी जाती है। आटे में देशी घी और शक्कर मिलाकर इसमें सफेद काली मिर्च का पाउडर मिला लें। फिर इसका सुबह-शाम सेवन करें।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने काली मिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- कालीमिर्च, हींग, कपूर का (सभी पांच-पांच ग्राम) मिश्रण बनाएं। फिर इसकी राई के बराबर गोलियां बना लें। हर तीन घंटे बाद एक गोली देने से उल्टी, दस्त बंद होना बंद हो जाता है।
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काली मिर्च का भारतीय मसालों में बहुत अहम स्थान है जिसे अंग्रेजी में ब्लैक पेपर के नाम से जाना जाता है। यह केवल हमारे भोजन का ही स्वाद नही बढ़ाती बल्कि इसके द्वारा घरेलू नुस्खों से रोगों को भी ठीक किया जाता है। काली मिर्च में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कैरोटीन, थायमीन रिबोफ्लोवीन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि पौषक तत्व पाये जाते है तो आईये आज हम काली मिर्च से होने वाले फायदों (Benefits Of Black Pepper) के बारे में बात करेंगें।
यूनानी मतानुसार काली मिर्च उदरपीड़ा, डकार और अफारा मिटाकर कामोत्तेजना एवं विरेचन करती है। अरुचि, …जीर्ण ज्वर, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, पक्षाघात, नेत्ररोग आदि पर भी यह हितकारी है।
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- जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त हो जाएगा।
- खांसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटें। खांसी दूर हो जाएगी।
- गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।
त्वचा रोग : काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो जाते हैं।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं तो काली मिर्च को किशमिश के साथ 2-3 बार चबाकर खा जाएं। एक गिलास छाछ में थोड़ी सा काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- दांतों में होने वाले रोग पायरिया से परेशान हैं और दांत कमजोर हैं तो काली मिर्च को नमक के साथ मिलाकर दांतों पर लगाएं, जल्द ही लाभ होगा।
- गठिया के रोगियों के लिए भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है। काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में आराम मिलेगा।
- आपकी याददाश्त कमजोर है तो काली मिर्च को शहद में मिलाकर खाएं।
- यदि पेट में कांटा, कांच का टुकडा आदि खाने के साथ या किसी भी भांति चला जाए तो पके हुए अनन्नास के साथ काली मिर्च और सेधा नमक लगाकर खाने से पेट में गया हुआ कांच या कांटा निकल जाता है।
- कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पांच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।
- मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- काली मिर्च में मौजूद पिपराइन नामक यौगिक त्वचा में पिगमेंट बनाने में सहायक होता है जिससे ही त्वचा का रंग निर्धारित होता है। पिपराइन त्वचा में न केवल पिगमेंट के बनने की गति को तीव्र कर देता है बल्कि विटिलिगो के कास्मेटिक्स से किए जाने वाले इलाज की अपेक्षा कहीं ज्यादा कारगर साबित होता है। इससे भविष्य में विटिलिगो के इलाज में और भी दवाएं बनाई जा सकेंगी।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- यह एक बढिय़ा एंटीऑक्सीडेंट है। यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढिय़ा स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- काली मिर्च का प्रयोग नेत्र ज्योति में बडा सहायक होता है. इसके पाउडर को शुद्ध देशी घी के साथ मिला कर खाने से आंखों की ज्योति के साथ-साथ आंखों के कई रोग भी दूर होते हैं.
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श्वास संबन्धी रोगों में
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-आधा चम्मच काली मिर्च के पाउडर को थोडे गुड में मिला कर इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना कर चूसने से खांसी में आराम मिलता है.
- पानी में तुलसी, काली मिर्च, अदरक लौंग और इलाइची के साथ उबाल कर इसकी चाय बना कर पीने से जुखाम व बुखार में लाभ होता है.
- बारीक पिसी काली मिर्च, गुलहठी और मिश्री मिला कर रख दें, इस मिश्रण को एक चुटकी शहद के साथ मिला कर खाने से गले की तकलीफ में लाभ होता है तथा आवाज भी साफ होती है.
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पाचन तंत्र संबन्धी रोगों में
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काली मिर्च को किशमिश के साथ मिला कर २ से ३ बार चबा कर खाने से पेट के कीडे दूर होते हैं. छाछ में काली मिर्च पाउडर मिला कर पीने से पेट के कीडे मर जाते हैं.
- नींबू के टुकडों से बीज निकालकर इसमें पिसा काला नमक और काली मिर्च पाउडर भर कर गर्म कर के चूसने से बदहजमी में लाभ मिलता है.
- एक कप गर्म पानी में ३-४ पिसी काली मिर्च के साथ नींबू का रस मिला कर पीने से गैस की शिकायत दूर होती है.
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अन्य रोगों में
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- नमक के साथ काली मिर्च मिला कर दोतों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है तथा दांतो में चमक और मजबूती बढती है.
- पिसी काली मिर्च को थोडे से शहद के साथ मिला कर खाने से स्मरण शक्ति बढती है.
- पिसी काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गरम करें, ठंडा करके इस तेल को मांस पेशियों पर लगाने से गठिया के दर्द में फायदा होता है.
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- चार-पांच दाने काली मिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है। शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- यह एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है।काली मिर्च एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करती है। यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढ़िया स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
- गैस के कारण पेट फूलने पर काली मिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- सफेद काली मिर्च आंखों और मस्तिष्क के लिए उपयोगी मानी जाती है। आटे में देशी घी और शक्कर मिलाकर इसमें सफेद काली मिर्च का पाउडर मिला लें। फिर इसका सुबह-शाम सेवन करें।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने काली मिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- कालीमिर्च, हींग, कपूर का (सभी पांच-पांच ग्राम) मिश्रण बनाएं। फिर इसकी राई के बराबर गोलियां बना लें। हर तीन घंटे बाद एक गोली देने से उल्टी, दस्त बंद होना बंद हो जाता है।
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