शनिवार, 28 जनवरी 2017

श्वेत प्रदर/कमर कटने का रोग माताओं बहनों के लिये बहुत कष्टकारी होता है, जानिये समाधान

श्वेत प्रदर/कमर कटने का रोग माताओं बहनों के लिये बहुत कष्टकारी होता है, जानिये समाधान


स्त्रियों की योनी से सफेद पानी का बहना एक साधारण समस्या है. इसमें योनी से पानी जैसा स्त्राव होता है. य़ह खुद कोई रोग नहीं है. लेकिन यह स्त्रियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाता है. इसके कारण चिड़चिड़ापन, पैर-हाथ में दर्द इत्यादि का सामना करना पड़ता है. तो आइए हम जानते हैं कि घरेलू उपायों द्वारा कैसे श्वेत प्रदर को खत्म किया जा सकता है. आपको क्या-क्या करना चाहिए और क्या-क्या नहीं जानते हैं प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से 
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श्वेत प्रदर ( सफेद पानी ) की समस्या खत्म करने के घरेलू उपाय :

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- हर दिन कच्चा टमाटर खाना शुरू करें.
- सुबह-शाम 2 चम्मच प्याज का रस और उतनी हीं मात्रा में शहद मिलाकर पिएँ.
- जीरा भूनकर चीनी के साथ खाने से फायदा होगा.
- आंवले का रस और शहद लगातार 1 महीने तक सेवन करें. इससे श्वेत प्रदर ठीक हो जायेगा.
- हर दिन केला खाएँ, इसके बाद दूध में शहद डालकर पिएँ. इसके आपकी सेहत भी अच्छी होगी और श्राव के कारण होने वाली कमजोरी भी दूर होगी. कम-से-कम तीन महीने तक यह उपाय करें, - दूध के ठंडा हो जाने के बाद उसमें शहद डालें.
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- कच्चे केले की सब्जी खाएँ.
- अगर आपके शरीर में खून की कमी है, तो खून बढ़ाने के लिए हरी सब्जियाँ, फल, चुकन्दर इत्यादि खाएँ.
- 1 केला लें, उसे बीच से काट लें. उसमें 1 ग्राम फिटकरी भर दें, इसे दिन या रात में एक बार खाएँ. लेकिन ध्यान रखें कि अगर दिन में खाना शुरू किया तो, दिन में हीं खाएँ. और अगर रात में खाना शुरू किया हो, तो रात में हीं खाएँ.
- तले-भूने चीज या मसालेदार चीज नहीं के बराबर खाएँ.
- योनी की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
- मैदे से बनी चीजें न खाएँ.
- एक बड़ा चम्मच तुलसी का रस लें, और उतनी हीं मात्रा में शहद लें. फिर इसे खा लें. इससे आपको आराम मिलेगा.
- अनार के हरे पत्ते लें, 25-30 पत्ते…. 10-12 काली मिर्च के साथ पीस लें. इसमें आधा ग्लास पानी डालें, फिर छानकर पी लीजिए. ऐसा सुबह-शाम करें.
- भूने चने में गुड़ की शक्कर मिलाकर खाएँ, इसके बाद 1 कप दूध में देशी घी डाल कर पिएँ.
- 10 ग्राम सोंठ का, एक कप पानी में काढ़ा बनाकर पिएँ. ऐसा एक महीने तक करें.
- पीपल के 2-4 कोमल पत्ते लेकर, पीस लें. फिर इसे दूध में उबालकर पिएँ.
- 1 चम्मच आंवला चूर्ण लें और 2-3 चम्मच शहद लें. और इन्हें आपस में मिलाकर खाएँ. ऐसा एक महीने तक करें.
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- खूब पानी पिएँ.
- सिंघाड़े के आटे का हलुआ और इसकी रोटी खाएँ.
- 3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली लें, फिर इसमें 3 ग्राम मिस्री मिलाकर, गर्म दूध के साथ इसका सेवन करें.
- नागरमोथा, लाल चंदन, आक के फूल, अडूसा चिरायता, दारूहल्दी, रसौता, इन सबको 25-25 ग्राम लेकर पीस लें. पौन लीटर पानी में उबालें, जब यह आधा रह जाय तो छानकर उसमें 100 ग्राम - शहद मिलाकर दिन में दो बार 50-50 ग्राम सेवन करें.
- माजू फल, बड़ी इलायची और मिस्री को बराबर मात्रा में पीस लें. एक सप्ताह तक दिन में तीन बार लें. एक सप्ताह के बाद फिर दिन में एक बार 21 दिन तक लें.
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प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से पोस्ट की गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा ।

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