क्यों करना पड़ा था हनुमान जी को विवाह और क्या है इसका प्रमाण !!!
क्यों करना पड़ा था हनुमान जी को विवाह और क्या है इसका प्रमाण !!!
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हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त हैं और हनुमान जी के भी विभिन्न रूपों के बहुत सारे अनुयायी हैं । हनुमान जी को अपने अखण्ड बाल ब्रह्मचर्य के लिये जाना जाता है । किंतु क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को एक विशेष परिस्थिति में विवाह करना पड़ा था । इस पोस्ट में हम आपको बतायेंगे कि क्यों हनुमान जी को विवाह करना पड़ा और कौन उनकी पत्नी बनी थी और इस बात का क्या प्रमाण है कि हनुमान जी का सच में विवाह हुआ था ।
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महर्षी वाल्मीकि द्वारा लिखित श्री रामायण जी और महर्षी तुलसी दास जी द्वारा लिखित श्री रामचरित मानस में हनुमान जी के बाल ब्रह्मचारी होने का उल्लेख मिलता है किंतु महर्षी पाराशर द्वारा लिखित पाराशर संहिता में हनुमान जी के विवाह का पूर्ण विवरण हमें मिलता है । हनुमान जी भगवान सूर्य के शिष्य थे और भगवान सूर्य हनुमान जी को समस्त विधायें सिखा रहे थे । किंतु अंत में चार विधायें बाकि रह गयी जो कि सूर्यदेव हनुमान जी को सिखा नही सकते थे क्योकि वो चार विधायें गृहस्थ इन्सान के लिये थी, किन्तु हनुमान जी सम्पूर्ण विधायें सीखने के लिये दृढ़ संकल्पित थे अतः उन्होने सूर्य देव से इसका समाधान खोजने का आग्रह किया । तब सूर्य देव ने अपनी परम तेज वाली पुत्री सुवर्चला से हनुमान विवाह का प्रस्ताव रखा । क्योकि सुवर्चला परम तपस्वनी थी और सम्पूर्ण जीवन तप में लीन रहने का प्रण कर चुकी थी और गृहस्थ जीवन जीने का उनका कोई मनोभाव नही था ।
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तब इस आग्रह के फलस्वरूप देवी सुवर्चला नें हनुमान जी से विवाह के लिये अपनी स्वीकृति दे दी और दोनों का विवाह सम्पूर्ण हुआ था । इस विवाह के बाद देवी सुवर्चला सदा सदा के लिये तप में लीन हो गयी थी और हनुमान जी विवाहित होने के कारण गृहस्थ जीवन की शेष चार विधायें सीखने के अधिकारी हो गये थे जो कि सूर्य देव ने उनको सिखायी थी । यहॉ यह गौर तलब है कि हनुमान जी और देवी सुवर्चला का यह विवाह सिर्फ सांकेतिक था और इस विवाह के बाद उन्होने गृहस्थ जीवन नही जिया था । जिस कारण हनुमान जी का अखण्ड बाल ब्रह्मचारी रूप भी खण्डित नही हुआ और वो सम्पूर्ण विधायें सीखने के अधिकारी भी बने ।
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इस विवाह का प्रमाण आज भी आंध्र प्रदेश राज्य के खम्मम जिले में हनुमान जी का देवी सुवर्चला के साथ बना मंदिर मौजूद है जहॉ पर हर रोज हजारों श्रद्धालू हनुमान जी के विवाहित रूप का दर्शन करने आते हैं । मान्यता है कि हनुमान जी के इस विवाहित स्वरूप का दर्शन यदि पति पत्नी एक साथ करें तो उनके बीच चल रहे सभी तरह के मनमुटाव और क्लेश शांत हो जाते हैं ।
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हनुमान जी कल्याण के देवता माने जाते हैं और भगवान सूर्य देव ने कहा था कि अन्नत काल तक लोक कल्याण की भावना से मैने अपने शिष्य हनुमान के इस विवाह का निर्णय किया है ।
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