गुरुवार, 12 अक्टूबर 2017

छोटी सी लौंग के फायदे अनेक, कब्ज़,पायरिया ,खासी इत्यादि के लिए ज़बरदस्त घरेलु नुस्खे


छोटी सी लौंग के फायदे अनेक, कब्ज़,पायरिया ,खासी इत्यादि के लिए ज़बरदस्त घरेलु नुस्खे


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फेफड़ों की सूजन :

लौंग का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद व घी को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी और श्वांस सम्बंधी पीड़ा दूर हो जाती है।

अंजनहारी, गुहेरी :

लौंग को पानी के साथ घिसकर गुहेरी पर लगाने से गुहेरी समाप्त हो जाती है। बस शुरूआत में थोड़ी जलन महसूस होती है।

दांत मजबूत करना :

दांतों में कमजोरी के कारण दांत हिलने तथा टूटने लगते हैं। इस तरह की परेशानी में कालीमिर्च 50 ग्राम और लौंग 10 ग्राम को पीसकर मंजन बनाकर रोजाना मंजन करें। इससे दांत मजबूत होते हैं।

पायरिया :

लौंग के तेल में खस और इलायची को मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होकर मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।
5 से 6 बूंद लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर गरारे व कुल्ले करने से पायरिया रोग नष्ट होता है।

दांत के कीड़े :

कीड़े लगे दांतों के खोखल में लौंग के तेल को रूई में भिगोकर रखें। इससे दांत के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द कम होता है

काली खांसी :

तवे को आग पर रखकर लौंग को भून लें, फिर उस लौंग को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से काली खांसी ठीक हो जाती है।
थोड़ी सी लौंग तवे पर भूनकर कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रखें। इस लौंग के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से काली खांसी दूर हो जाती है।
बच्चों की काली खांसी में 30 से 60 मिलीग्राम गोलोचन को सुबह-शाम शहद के साथ चटाने से लाभ मिलता है। सावधानी यह रहे कि गोलोचन शुद्ध होना चाहिए क्योंकि मार्केट में यह बहुत अधिक मात्रा में नकली पाये जाते हैं।

खांसी :

2 लौंग गर्म मसाने वाली को तवे पर भूनकर (गर्म तवे पर लौंग 1 मिनट में ही फूलकर मोटी हो जाएगी तभी उतार लेते हैं।) तथा पीसकर 1 चम्मच दूध में मिलाकर गुनगुना सा ही बच्चों को सोते समय पिला देने से खांसी से छुटकारा मिल जाता है।
10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम जायफल, 10 ग्राम पीपल, 20 ग्राम मिर्च, 160 ग्राम सोंठ और 210 ग्राम बूरे का चूर्ण बनाकर गोली बना लें। इन गोलियों के सेवन से खांसी, बुखार, अरुचि, प्रमेह, गुल्म, श्वास, मंदाग्नि तथा ग्रहणी के रोग में तुरन्त लाभ मिलता है।
लौंग, कालीमिर्च, बहेड़े की छाल और कत्था को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इसके बाद उसे बबूल की छाल के काढ़े में डालकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन गोलियों को मुंह में रखकर चूसने से खांसी, श्वास, बुखार तथा नजला-जुकाम का रोग भी दूर हो जाता है।
1 भाग लौंग और 2 भाग अनार के छिलके को मिलाकर पीसकर इनका चौथाई चम्मच आधे चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना 3 बार चाटने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।
10-10 ग्राम लौंग, इलायची, खस, चंदन, तज, सोंठ, पीपल की जड़, जायफल, तगर, कंकोल, स्याह जीरा, शुद्ध गुग्गुल, पीपल, वंशलोचन, जटामांसी, कमलगट्टा, नागकेशर, नेत्रवाला सभी को लेकर चूर्ण बना लें। इसके बाद इसमें उड़ाया हुआ कपूर 6 ग्राम की मात्रा में मिला दें। इस मिश्रण को शहद से अथवा मिश्री से दोनों समय सेवन करने से हिचकी अरुचि, खांसी तथा अतिसार का रोग मिट जाता है।
खांसी में हल्का भुना हुआ लौंग चूसने से लाभ मिलता है।
10-10 ग्राम लौंग, पीपल, जायफल, कालीमिर्च, सोंठ तथा धनिया को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर शीशी में भर लें। इसमें से दो चुटकी चूर्ण सुबह, दोपहर और शाम को शहद के साथ सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
अफारा (पेट का फूलना) : 3 ग्राम लौंग को 200 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। फिर छानकर इस पानी को पीने से आध्यमान (अफारा, गैस) समाप्त होता है।
120 मिलीग्राम से 240 मिलीग्राम तक लौंग की फांट या चूर्ण को रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से अफारा में लाभ होता है।
मिश्री में 1 से 3 बूंद लौंग के तेल या गोंद को मिलाकर सेवन करने से अफारा मिटता है।

जीभ और त्वचा की सुन्नता :

पान खाने से या किसी अन्य कारण से जीभ फट गई हो तो एक लौंग मुंह में रखें। इससे रोग में आराम रहता है।

कब्ज :

लौंग 10 ग्राम, कालीमिर्च 10 ग्राम, अजवायन 10 ग्राम, लाहौरी नमक 50 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम को पीसकर छानकर नींबू के रस में डाल दें। सूखने पर 5-5 ग्राम गर्म पानी से खाना खाने के बाद खुराक के रूप में लाभ होता है।

वमन (उल्टी) :

4 लौंग को पीसकर 1 कप पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। जब उबलता हुआ पानी आधा रह जाये तो उसे छानकर स्वाद के मुताबिक उसमें चीनी मिलाकर पी लें और सो जायें। पूरे दिन में इस तरह चार बार इस पानी को पीने से उल्टियां आना बंद हो जाती हैं।
अगर उल्टियां बंद नहीं हो रही हो तो 2 लौंग और थोड़ी सी दालचीनी लेकर 1 कप पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा बाकी रह जाये तो पानी को छानकर रोगी को जब भी उल्टी आये पिलाते रहें। इससे थोड़े समय में ही उल्टियां आना बंद हो जायेंगी।
यदि गर्भावस्था में उल्टी आती हो तो 2 लौंग को पीसकर शहद के साथ गर्भवती स्त्री को चटाने से उल्टी आना बंद हो जाती है। 2 लौंग को आग पर गर्म करके जब भी उल्टी हो चूसें। इससे उल्टी बंद हो जाती है।
2 लौंग को पानी में डालकर उबाल लें। फिर उस पानी को ठंडा होने पर इसमें मिश्री डालकर रोगी को पिलाकर सुला दें। इससे कुछ समय में ही उल्टी का रोग समाप्त हो जाता है।
अगर जी मिचलाता (उबकाई) हो तो लौंग को मुंह में रखकर चूसते रहने से लाभ होता है।
लौंग और दालचीनी का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
लगभग 25 ग्राम खील, 5 दाने लौंग, 5 छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री को आधे लीटर पानी में डालकर उबालने के लिए आग पर रख दें। जब 10-12 बार पानी में उबाल आ जाये तो पानी को आग पर से उतारकर छान लें इस पानी को थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
शहद में लौंग और अजमोद का चूर्ण मिलाकर खाने से उल्टी होना बंद हो जाती है।

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