4 :- Menorrhagia या आत्यर्तव :-
इस कण्डीशन में माहवारी बहुत अधिक समय तक एवं सामान्य से ज्यादा बार होती रहती है। कहने का तात्पर्य यह है कि इस रोग में पीरियड्स में रक्त का स्राव बहुत ज्यादा मात्रा में होता है और सामान्य से ज्यादा दिन तक होता हैं। कुछ महिलाओं में तो मासिक 28 दिन में एक बार ही आता है किन्तु कुछ महिलाओं में 28 दिन से पहले भी आ जाता है और हर बार काफी मात्रा में स्राव होता है जिसके कारण रोगी महिला बहुत कमजोर हो जाती है और शरीर में रक्त की कमी भी होने लगती है।कारण :-
वास्तव में यह काफी ज्यादा कॉम्प्लीकेटेड स्थिति होती है और इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जिनमें से प्रमुख कारणों के तौर पर Reproductive Organs का पूरी तरह से विकसित न होना, TB अर्थात ट्यूबरक्यूलोसिस का रोग, Jaundice, Purpura (इसमें skin पर बैंगनी रंग के चक्कते हो जाते हैं ), Scurvy आदि बीमारी का होना, Endometritis (गर्भाशय में inflammation ) का होना आदि कारण हो सकते हैं। यह बहुत ही जल्दी सही उपचार माँगने वाली बीमारी होती है इसलिये जल्दी से जल्दी अपने महिला रोग विशेषज्ञ से मिलना उचित रहता है। महिलाओं में मासिक से जुड़े रोगों के कारण लक्षण की जानकारी वाला यह लेख आपको अच्छा और लाभकारी लगा हो तो कृपया पोस्ट पर एक लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा। आपके एक शेयर से ही सही और अच्छी जानकारी किसी जरूरतमन्द तक पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है। इस लेख के बरे में आपके कुछ सुझाव हो तो आप कमेंट के माध्यम से हमको सूचित कर सकते हैं । Youtube पर हमें सब्स्क्राब करें :- Prakashit Ayurved MeerutInstagram पर हमें फॉलो करें :- Prakashit Ayurved
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