गुरुवार, 26 जनवरी 2017

बथुआ इतना गुणकारी कि खाने वाला बन जाये भाग्यशाली

बथुआ इतना गुणकारी कि खाने वाला बन जाये भाग्यशाली



बथुआ एक हरा शाक है और पेट एवं ऑतों को बहुत बलवान बनाता है । बथुए में बहुत से गुण छिपे हुये हैं और इसको खाने वाला निश्चित ही अपने स्वास्थय की रक्षा कर सकता है । बथुए के स्वास्थय लाभकारी गुणों के बारे में इस पोस्ट में जानिये प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से ।
.

नेत्र ज्योति वर्धक बथुआ :-


बथुए का साग नियमित खाने से नेत्रों की ज्योति बढ़ती है । इसके अतिरिक्त बथुए के सेवन से ऑखों की लाली और सूजन में भी बहुत आराम मिलता है । आखों में थकान होने पर बथुए के पत्तों को कूटकर ऑखों पर रखने से बहुत आराम मिलता है ।
.

घुटने के दर्द में लाभकारी बथुआ :-


बथुए को पानी में उबालकर उस पानी से घुटने पर सिकाईं करने से और उबले हुये बथुए का साग बनाकर खाने से घुटने और अन्य जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है । इस तरह कुछ सप्ताहो तक नियमित ये सेवन करने से दर्द में बहुत आराम मिलता है ।
.

पेट के रोगों में लाभकारी है बथुआ :-


मौसम के हिसाब से जब तक बथुए का साग मिलता रहे तब तक लगातार रोज एक बार इसकी सब्जी अथवा साग बनाकर थोड़ा सा काला नमक मिलाकर खाना चाहिये । बथुए का रस पीना चाहिये । इससे पेट के सभी तरह के रोग जैसे कि लीवर, तिल्ली के रोग, अजीर्ण, गैस, बवासीर, कब्ज, पेट में भारीपन आदि में बहुत ही अच्छा लाभ मिलता है ।
.

पथरी में लाभकारी है बथुआ :-


गुर्दे की पथरी हो तो बथुए के रस में गुड़ की शक्कर मिलाकर रोज पीने से कुछ ही सप्ताहों में पथरी टूटकर निकल जाती है और रोगी को विशेष परेशानी भी नही होती है ।
.

मासिक रुक जाने की समस्या में लाभकारी है बथुआ :-


माताओं बहनों को मासिक रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें । इस पानी को छनकर पियें । 4-5 दिन लगातार दो बार पीने से मासिक पुनः शुरू हो जाता है ।
.

मर्दाना कमजोरी में लाभकारी बथुआ :-


मर्दाना शक्ति में कमजोरी महसूस होती हो तो आधा चम्मच बथुए के बीज और आधा मुलहठी का चूर्ण मिलाकर रोज दो बार लगातार एक महीने तक खाने से मर्दाना कमजोरी दूर होकर नयी उमंग का संचार होता है । यह प्रयोग पैंतीस साल से ऊपर के पुरुषों के लिये विशेष लाभकारी है ।
.

पेशाब के रोगों में लाभकारी है बथुआ :-


बथुआ आधा किलो लेकर उसमें 3 गिलास पानी मिलाकर उबालें । फिर उबली हुयी बथुए की पत्तियों को निचोड़कर जो पानी निकले उसको भी उसी पानी में मिला दें जिसमें बथुए को उबाला था । यह पानी पीने से पेशाब के रोगों में बहुत लाभ होता है ।
.
प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से दिया गया, बथुए से मिलने वाले स्वास्थय लाभों की जानकारी वाला यह अपडेट आपको अच्छा और लाभकारी लगा हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें