सर्दी के मौसम में फेफड़ों को ताकत देती ये कमाल की आयुर्वेदिक दवायें
सर्दी के मौसम में प्राकृतिक रूप से कफ का प्रकोप बढ़ने के कारण अक्सर बच्चों बड़ों और वृद्धों को फेफड़ों से जुड़े रोग हो जाया करते हैं जैसे कि बच्चों में खाँसी, निमोनिया हो जाना आदि और बड़ों व खासतौर पर धूम्रपान करने वाले लोगों के फेफड़ों में इन्फेक्शन, श्वास की नलियों में सूजन और सी ओ पी डी के रोगियों को समस्या का खासतौर पर बढ़ जाना । ऐसे में अपने फेफड़ों को ताकत देने के लिये और ठण्डी की मार से बचने के के लिये कुछ आयुर्वेदिक दवाइयॉ और हर्बल प्रोडक्ट बहुत ही काम के होते हैं । चलिये जानकारी करते हैं ऐसे कुछ दवाओं के बारे में । . .चित्रक हरीतकी Chitrak Haritaki :-
चित्रक हरीतकी आयुर्वेद का एक बहुत ही गुणकारी अवलेह ( च्यवनप्राश जैसी चटनी ) होती है जो कि मुख्य तौर पर फेफड़ों को ताकत देने के लिए और फेफड़ों को डिटॉक्स करने के लिए बहुत गुणकारी होती है । इस चटनी का सेवन बच्चे, बड़े दोनों कर सकते हैं । गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी यह बहुत सुरक्षित रहती है । इसके नियमित सेवन से फेफड़ों की सूक्ष्म नलिकाओं में आने वाली सूजन दूर होती है और यह जमे हुए बलगम को बाहर निकाल कर श्वास पथ को साफ करती है जिससे कि रोगी को अच्छा आराम आता है जिनको केवल फेफड़ों को डिटॉक्स करने के लिए इसका सेवन करना है उनके लिये भी बहुत गुणकारी सिद्ध होती है ।
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कोफोल टेबलेट Kofol Tablet :-
चरक फार्मा की कोफोल टेबलेट आपको दो तरह से लाभ देती है । इसका पहला लाभ तो यह है कि इसके सेवन से फेफड़ों में जमा बलगम पिघल कर बाहर निकल आता है और दूसरा लाभ यह कि इसके सेवन से गले में बनने वाली खराश की समस्या दूर होती है । बच्चों बड़ों के लिए पूरी तरह सुरक्षित यह टेबलेट चूस कर खायी जाती है । बच्चों को इसकी एक एक गोली दिन में दो-तीन बार सेवन करवानी चाहिये और बड़ों को इसकी दो-दो गोलियॉ दिन में दो-चार बार सेवन करना उचित रहता है । इसको चूसकर खाने के बाद यदि एक कप गुनगुने गर्म पानी का सेवन किया जाये तो और भी अच्छा लाभ मिलता है ।.
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हनीटस होटसिप Honitus Hotsip :-
डाबर कम्पनी का यह बहुत प्रसिद्ध प्रोडक्ट हनीटस होटसिप पूरी तरह से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित फॉर्मुला होता है । वासा, कण्टकारी, सफेद जीरा जैसी कुल 15 बूटियों से निर्मित यह उत्पाद एक instant काढ़ा की तरह काम करता है । इसके सेवन से ज्यादा ठण्ड लग जाने के कारण फेफड़ों और सीने में होने वाली जकड़न और भारीपन की समस्या में आराम आता है । इस काढ़े को तैयार करने के लिए तेज गर्म एक कप पानी में इसका एक पाउच खोलकर मिलाना होता है और बस आपका काढ़ा तैयार । इसको आप ठण्डे पानी में मिलाकर पानी के साथ पकाकर भी सेवन कर सकते हैं । बच्चों को आधा पाउच दिन में दो बार और बड़ों को एक पाउच दिन में 2-3 बार सेवन करना उचित रहता है ।.
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