दही खाने के कुछ नियम होते हैं, गलत तरीके से होते हैं ये नुक्सान
दूध में जामन लगाकर बनायी गयी
दही भारतीय भोजन की थाली का एक अभिन्न हिस्सा है । सभी घरों में
दही का सेवन बड़े ही चाव से किया जाता है । स्वास्थय की दृष्टी से भी
दही खाना एक अच्छी बात है । किन्तु आपको मालूम होना चाहिये कि
दही को खाने के भी कुछ नियम होते हैं । इस लेख में हम आपको उन नियमों के बारे में बता रहे हैं जो आपको
दही का सेवन करते समय ध्यान रखने चाहिये ।
दही खाने का नियम नम्बर एक :-
क्या आप जानते हैं कि हमको
दही का सेवन किस समय करना चाहिये । इसका जवाब है शायद नही । हम आपको बताते हैं ।
दही के सेवन का सबसे अच्छा समय बसन्त का मौसम खत्म होने के बाद से लेकर सावन का महीना शुरू होने तक होता है । बसन्त के मौसम से पहले मौसम बहुत ठण्डा रहता है और
दही की तासीर भी ठण्डी रहती है जिस कारण से
दही शरीर में कफ का प्रकोप कर देती है अतः बसन्त ऋतु खत्म होने से पूर्व
दही का सेवन करने से बचना चाहिये । इसके बाद ग्रीष्म ऋतु में
दही का सेवन करना चाहिये और सावन का महीना शुरू हो जाने पर
दही को खाना बन्द कर देना चाहिये । सावन का महीना शुरू हो जाने पर दूध और उससे बनी चीजों में जल्दी खराबी आने लगती है । इस अवस्था में
दही को खाने से शरीर में पित्त के रोग होने की सम्भावना हो जाती है ।
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