रास्नासप्तक क्वाथ या महारास्नादि काढ़ा :-
ये दोनों ही काढ़े एक दिव्य जड़ीबूटी रास्ना के साथ दूसरे बहुत सी दर्द निवारक दवाओं के साथ सन्योग करके तैयार किये जाते हैं और अपने प्रभाव से ना सिर्फ जोड़ों के दर्द में आराम देते हैं बल्कि पाचन प्रक्रिया को भी बेहतर बनाते हैं । वाये दोष के शमन के लिए और शूल के निवारण के लिए किसी भी आयुर्वेदिक प्रेस्क्रिप्शन में प्रमुख चिकित्सक प्रायः इनका प्रयोग करते हैं । रास्ना सप्तक काढ़ा और महारास्नादि काढ़ा भी आपको बाजार में बहुत सारी कम्पनी का मिल जाता है बस आपको किसी अच्छी कम्पनी का ही सेवन करना चाहिये।दर्द निवारक तेल से मालिश :-
महा नारायण और महाविषगर्भ जैसे तैलों के साथ जटामाँसी, देवदारू, कूठ जैसी दिव्य दो दर्जन जड़ी बूटियों के साथ पकाकर तैयार किया गया ब्लू नेक्टार दर्द निवारक तेल जोड़ों के दर्द में मालिश करने के लिए एक बहुत अच्छा औषधिय तेल होता है जिसका नियमित दो अथवा तीन बार मालिश के लिए प्रयोग किया जा सकता है । इस तेल के प्रयोग से जोड़ों को ल्यूब्रिकेशन मिलता है और मालिश से माँसपेशियों को आराम मिलता है। यह जोड़ों के बीच में सूख चुकी गद्दी को भी चिकनाई देने का कार्य करता है जिसके कारण चलने फिरने और दूसरे मूवमेंट में महसूस होनी वाली दिक्कत और टकटक की आवाज से मुक्ति मिलती है। आगे की स्लाइड में हम बात करेंगें जोड़ों के दर्द की सम्पूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में। Youtube पर हमें सब्स्क्राब करें :- Prakashit Ayurved MeerutInstagram पर हमें फॉलो करें :- Prakashit Ayurved
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