जीभ का रंग बदलना किस बीमारी का संकेत होता है, अनूठी जानकारी
जीभ हमारे शरीर का बहुत ही महत्तवपूर्ण अंग होती है और इसकी उपयोगिता के बारे में आप सभी जानते ही हैं। जीभ के द्वारा ही हम किसी भी चीज के स्वाद का पता लगा पाते हैं और जीभ की मदद से ही हम शब्दों को बोल पाते हैं। जीभ को आयुर्वेद में रसना के नाम से जाना गया है और इसको रस इंद्रिय का अधिष्ठान माना गया है। क्या आपने कभी नोटिस किया है हमारी जीभ का प्राकृतिक रंग हल्का गुलाबी होता है और इसके ऊपर बहुत सारी दानेदार संरचनायें होती हैं जो कि टेस्ट बड्स होती हैं। एक रोचक तथ्य आपको बताता हूँ कि प्रत्येक प्रकार के स्वाद के अहसास के लिए अलग तरह के टेस्ट बड्स होते हैं। जीभ का रंग अक्सर कई बार कुछ बदला हुआ देखा जाता है। आपने भी देखा होगा कि जब आप किसी रोग के निदान के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपकी जीभ को भी चैक करते हैं। ऐसा इसलिए कि आपकी जीभ की रंगत और कण्डीशन के अनुसार भी आपकी सम्भावित बीमारी के बारे में चिकित्सक काफी कुछ पता लगा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको जीभ के बदलते रंग और उससे जुड़े सम्भावित रोग के बारे में बता रहे हैं। आगे की स्लाइड में जानकारी करते हैं जीभ के रंगों के बारे में।
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