गुर्दे की पथरी का वह विशेष योग जिसकी छः खुराक से पथरी खिसकना शुरू कर देती है
गुर्दे की पथरी का वह विशेष योग जिसकी छः खुराक से पथरी खिसकना शुरू कर देती है
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गुर्दे और मूत्र मार्ग की पथरी आजकल हर दूसरे और तीसरे व्यक्ति को मिलने लगी है और अक्सर आयुर्वेदिक दवाओं से ये पथरियॉ निकल भी जाती है । ज्यादा बड़े आकार की पथरी होने पर कई बार ज्यादा समय लग सकता है किंतु हमारा विश्वास है कि यहॉ दिया जा रहा यह प्रयोग आपको लाभ जरूर देगा । आइये जानते हैं इस प्रयोग के बारे में ।
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जरूरी सामग्री :-
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1 :- पाषाणभेद के पत्ते 100 ग्राम
2 :- यवक्षार 30 ग्राम
3 :- लाल फिटकरी 30 ग्राम
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नोट :- यवक्षार और लाल फिटकरी आपको अपने आसपास किसी जड़ी बूटी वाले की दुकान पर आसानी से मिल जायेगी और पाषाणभेद के पत्ते आपको किसी पौधों की नर्सरी से मिल जायेंगें । पाषाणभेद को पत्थरचट्टा अथवा चट्टापथरी आदि नामों से भी जाना जाता है ।
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दवा तैयार करने की विधी :-
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दवा तैयार करने के लिये सबसे पहले मिक्सी में डालकर पाषाणभेद के पत्तों की चटनी बना लें चाहे तो दस-बीस मिलीलीटर पानी भी मिला सकते हैं । एक स्टेनलेस स्टील के बरतन में एक लीटर ताजा पानी लेकर उसमें यवक्षार और फितकरी को घोल लें और इस पानी में ही पाषाणभेद के पत्तों की चटनी को भी घोल दें । अब इस मिश्रण को हल्की ऑच पर पकने के लिये रख दें । जब आधा पानी शेष रहे तो इसको छान लें । छने हुये पानी को पुनः हल्की ऑच पर गरम होने के लिये रख दें और जो छना हुआ बचे उसको फेंक दें । विशेष ध्यान रखें कि ऑच बहुत ही हल्की रखनी है और लगातार चलाते रहना है जिससे कि दवा तली में जले नही । लगातार गर्म करते रहना है । जब लगभग पूरा पानी जल जायेगा तो बरतन में नीचे सफेद रंग का गाढ़ा पेस्ट प्राप्त होगा । अब गैस को बंद करके इस पेस्ट को लगातार चलाते रहें जिससे इस पेस्ट की खुद की गर्मी से इसका शेष पानी भी भॉप बनकर उड़ जाये । आपको लगभग 80 ग्राम सफेद चूरा प्राप्त होगा जिसको ठण्डा करके एक साफ काँच की शीशी में भरकर रख लें । आपकी दवा तैयार है ।
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सेवन विधी :-
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इस दवा की निर्धारित मात्रा आधा ग्राम है । और आधा आधा ग्राम दवा दिन में दो बार सेवन करनी है । इस दवा को गुनगुने जल के साथ अथवा एक अन्य आयुर्वेदिक औषधि गोखरू क्वाथ के साथ सेवन करना है । यह गोखरू क्वाथ आपको आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर आसानी से मिल जायेगा । गोखरू क्वाथ की निर्धारित मात्रा एक समय में 10-15 मिलीलीटर होती है और इसमें बराबर मात्रा में गुनगुना अथवा ताजा जल मिलाया जा सकता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से यहॉ दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित है । फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इस दवा के सेवन की हम सलाह देते हैं ।
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