अलग अलग ऋतुओं में त्रिफला चूर्ण को अलग अलग अनुपान से लेने का निर्देश दिया गया है, जानिये लाभकारी जानकारी
अलग अलग ऋतुओं में त्रिफला चूर्ण को अलग अलग अनुपान से लेने का निर्देश दिया गया है, जानिये लाभकारी जानकारी
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अनुपान अर्थात, किसी औषधि के साथ सेवन किये जाने वाली वस्तु । त्रिफला चूर्ण प्रायः हर घर में प्रयोग किया जाने वाला चूर्ण होता है । इस्के गुणों के बारे में आप बहुत अच्छी तरह से जानते ही हो । इस पोस्ट में हम आपको बतायेंगे कि किस ऋतु में त्रिफला चूर्ण को किस चूर्ण के साथ सेवन किया जाना चाहिये । भारतीय मौसम चक्र के अनुसार पूरे वर्ष में दो-दो महीने की छः ऋतुये होती हैं बसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त, शिशिर । तो चलिये जानते हैं कि ऋतुओं के अनुसार किस किस पदार्थ के साथ त्रिफला का सेवन अधिक गुणकारी होता है ।
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1 :- बसन्त ऋतु :-
बसन्त ऋतु में भारतीय कैलेण्डर के अनुसार चैत्र और बैसाख के महीने आते हैं जिनकी सामान्य तारीख 14 मार्च से 13 मई तक होती है । इस दौरान त्रिफला चूर्ण का सेवन शहद मिलाकर करना चाहिये । त्रिफला चूर्ण में बस इतना ही शहद मिलाना चाहिये जितने में चूर्ण शहद में सन जाये और उसका गाढ़ा पेस्ट बन जाये ।
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2 :- ग्रीष्म ऋतु :-
ग्रीष्म ऋतु में ज्येष्ठ और आषाढ़ के महीने आते हैं और इसका समय 14 मई से 13 जौलाई तक सामान्यतः होता है । इस ऋतु में त्रिफला चूर्ण का सेवन गुड़ के साथ करना चाहिये । जितने त्रिफला चूर्ण का सेवन करना है उसका एक चौथाई गुड़ साथ में खाना चाहिये ।
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3 :- वर्षा ऋतु :-
वर्षा ऋतु में सावन और भादो के महीने आते हैं और इस ऋतु का समय 14 जौलाई से लेकर 13 सितम्बर तक सामान्यतः होता है । इस ऋतु में त्रिफला चूर्ण का सेवन सेंधा नमक के साथ करना चाहिये । त्रिफला चूर्ण की तुलना में सेंधा नमक का हिस्सा ऑठवा भाग होना चाहिये ।
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4 :- शरद ऋतु :-
शरद ऋतु आश्विन ( कुवार ) और कार्तिक के महीने में आती है । इन दो महीने का समय 14 सितम्बर से 13 नवम्बर तक का सामान्यतः होता है । शरद ऋतु में त्रिफला चूर्ण का सेवन देशी खाण्ड के साथ करना चाहिये । यदि मधुमेह के रोगी हैं तो उनको गरम जल के साथ सेवन करना चाहिये । देशी खाण्ड की मात्रा त्रिफला चूर्ण की तुलना में छठा भाग रखनी चाहिये । गरम जल यथा इच्छा पिया जा सकता है ।
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5 :- हेमन्त ऋतु :-
हेमन्त ऋतु में अगहन ( मिसगर ) और पौष के महीने आते हैं । इन महीनों की सामान्य तिथियॉ 14 नवम्बर से 13 जनवरी तक होती है । इन दो महीनों के दौरान त्रिफला चूर्ण का सेवन सौंठ ( सूखी हुयी अदरक ) के चूर्ण के साथ किया जाना चाहिये । सौंठ के चूर्ण का हिस्सा त्रिफला चूर्ण की तुलना में छ्ठा भाग रखना चाहिये ।
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6 :- शिशिर ऋतु :-
शिशिर ऋतु में माघ और फाल्गुन के महीने आते हैं और इनका सामान्य समय 14 जनवरी से 13 मार्च तक होता है । इस ऋतु में त्रिफला का सेवन छोटी पीपल के चूर्ण के साथ करना चाहिये । त्रिफला चूर्ण की तुलना में छोटी पीपल के चूर्ण का हिस्सा ऑठवा हिस्सा होना चाहिये ।
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हमारी समझ में इस लेख में दी गयी जानकारी पूरी तरह से हानिरहित है । फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के पारामर्श के बाद ही इनको प्रयोग करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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