गेहूँ के ज्वारे के रस का खून की कमी में प्रयोग :-
गेहूँ के ज्वारों से निकाले गये रस को हरा खून भी कहा जाता है । इसका रोज नियम से सेवन करने से यह दो जरूरी काम करता है । पहला है खून की अशुद्धियों को दूर करना और दूसरा है शरीर में नये खून का निर्माण करना । नये खून का निर्माण इसके सेवन से बहुत अच्छी तरह से होता है और जिन रोगियों को एनिमिया की शिकायत होती है उनके लिये
गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन बहुत ही शीघ्र फलदायी होता है । इसके सेवन से त्वचा के रंग में भी निखार आता है ।
गेहूँ के ज्वारे के रस का दुर्बलता में प्रयोग :-
गेहूँ के ज्वारों से निकाला गया यह रस, लम्बे समय से चली आ रही बीमारी के कारण शरीर और उसके अंगों के कमजोर होने से आ जाने वाली दुर्बलता को दूर करने में अति गुणकारी होता है । यह शरीर की सातों धातुओं को पोषण देकर उनको पुष्ट और सबल बनाता है । इसके सेवन से शरीर में स्फूर्ति महसूस होती है और शरीर में दोबारा जान पड़ने लगती है ।
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