जब जोड़ों का दर्द खूब सताये, आयुर्वेदिक चिकित्सा और घरेलू उपाय
जोड़ों का दर्द एक ऐसी समस्या है जिसके रोगी हर दूसरे और तीसरे घर में मिल जाते हैं। किसी को घुटनों का दर्द है तो किसी को साइटिका का। किसी को पीठ में दर्द रहता है तो किसी को कूल्हे और कंधें के जोड़ों में होने वाले दर्द ने परेशान करके रखा हुआ है। शुरूआत के दौर में प्राय हर कोई बाजार से दर्द निवारक दवा लेकर अपना काम चलाता है और जैसे जैसे रोग बढ़ता जाता है वैसे वैसे ही रोगी दर्द की गोलियों की मात्रा बढ़ाता जाता है। वास्तव में यदि जोड़ों के दर्द की प्रारम्भिक अवस्था में ही योग्य चिकित्सक से परामर्श कर लिया जाये तो रोग को ज्यादा बढ़ने से ना सिर्फ रोका जा सकता है बल्कि जोड़ों की प्राकृतिक संरचना को खराब होने से भी बचाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसको संधि शूल के नाम से वर्णित किया गया है जबकि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इस रोग को ज्वाइंट पेन की संज्ञा दी गयी है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको संधि शूल के रोग के कुछ प्रमुख कारणों, घरेलू उपायों और आयुर्वेदिक चिकित्सा में कुछ सबसे सफल औषधियों के बारे में बता रहे हैं। ये घरेलू उपाय आपको रोग की प्रारम्भिक अवस्था में आराम देने का कार्य करते हैं और आयुर्वेदिक दवाइयॉ आपको सुरक्षित रूप से रोग का निराकरण करने में मदद करती हैं। आगे की स्लाइड में हम जानकारी करेंगें सबसे पहले जोड़ों का दर्द पैदा करने वाले कुछ प्रमुख कारणों के बारे में।
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