हल्दी और अदरक का काढ़ा बनाकर पीना :-
हल्दी को आयुर्वेद में हरिद्रा के नाम से वर्णन किया गया है और यह वेदना का आश करने की शक्ति से युक्त होने के साथ सूजन को दूर करने वाली और शरीर की धातुओं को बल देने वाली होती है। हल्दी का सेवन करने से जोड़ों के बीच में आयी हुई इन्फ्लामेशन दूर होती है तथा उनका मूवमेंट भी सही बनता है। अदरक भी अपने गुणों के कारण सूजन और दर्द को दूर करने वाला तथा शरीर की शक्ति बढ़ाने वाला होता है । हल्दी का चूर्ण आधा चम्मच और एक छोटी कली ताजा अदरक की लेकर उनको दो कप पानी के साथ पकाने के लिये रख दीजिये और जब पकते पकते एक कप पानी शेष रहे तो इसको छान कर पी लीजिये । इस काढ़े का सेवन रोज दो बार करना चाहिये।एलोवेरा और अजवायन की पुलटिस :-
जोड़ों के दर्द को समाप्त करने के लिए एलोवेरा और अजवायन की पुलटिस बहुत ही लाभकारी रहती है। खासतौर पर ऐसे दर्द में जो जोड़ों के बीच की चिकनाई खत्म हो जाने के कारण पैदा होता है और जोड़ का मूवमेंट होने पर टक टक की आवाज आती है। एलोवेरा का ताजा गूदा लेकर उसमें एक चम्मच अजवायन के दाने मिलाकर एक स्टील अथवा पीतल के बर्तन में थोड़ा धुआँ उठने तक भून लें और फिर एक सूती पट्टी जो लगभग 1 मीटर लम्बी और 4 से 6 इंच चौड़ी हो उस पर एक सार फैला लें और फिर इस पट्टी या पुलटिस को दर्द वाले जोड़ पर ढीला ढीला लपेट लें और हल्की हल्की सिकाईं करें। इस प्रयोग को अपनी सुविधा के अनुसार रोज एक अथवा दो बार कर सकते हैं। आगे की स्लाइड में हम बात करेंगें जोड़ों के दर्द में आराम देने वाली कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में। Youtube पर हमें सब्स्क्राब करें :- Prakashit Ayurved MeerutInstagram पर हमें फॉलो करें :- Prakashit Ayurved
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें