खट्टी डकार से बार बार होता है मन खराब, आज हो जायेगा समाधान
दोस्तों भोजन के बाद एक दो डकार आना बिल्कुल प्राकृतिक है और अच्छे हाजमे की निशानी माना जाता है। इसके अलावा कई बार खाली पेट भी गैस की डकार आ जाया करती हैं जो भूख के कारण आती है। आयुर्वेद में डकार को उद्गार के नाम से जाना गया है और इसको एक अधारणीय वेग माना गया है अर्थात शरीर की एक ऐसी प्रक्रिया जिसको बल पूर्वक रूकने का प्रयास नही करना चाहिये। यदि डकार को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की जाती है तो शरीर में वायु कुपित होती है और कई रोगों का कारण बन सकती है। भोजन के बाद की अथवा खाली पेट की इक्का दुक्का डकार की बात हो तो यह नॉर्मल है लेकिन कई बार लोगों को खट्टी और तेजाब की सी फीलिंग देने वाली डकारें भी बहुत परेशान करने लगती हैं। आयुर्वेद में इसको अम्लोद्गार कहा गया है और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इअको एसिड रिफ्लक्स के नाम से जाना जाता है। जब पेट खराब होने, पित्त ज्यादा बनने के कारण, आहार नलिका के वाल्व की खराबी के कारण और बहुत ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन कर लेने के कारण अक्सर पेट में तेजाब बहुत ज्यादा बन जाता है जिसके कारण खट्टी डकारे आने लगती हैं। इसके अलावा बदहजमी की समस्या और लीवर के विकारों में पेट में बनने वाला प्राकृतिक पाचक रस अतिअम्लता को प्राप्त होकर सड़ने लगता है और मुँह के रास्ते निकलने की चेष्टा करता है जिसके कारण रोगी को बार बार और जल्दी खट्टी डकारों का सामना करना पड़ता है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको खट्टी डकारों के समाधान के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाओं और घरेलू नुस्खों के बारे में बता रहे हैं।
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