सोमवार, 25 अक्टूबर 2021

भोजन करने के नियम नम्बर चार पाँच और छः

भोजन करने के नियम नम्बर चार पाँच और छः :-

4 :- भोजन करने का नियम नम्बर चार यह है कि हमको भोजन खूब चबा चबा कर करना चाहिये। अधिकतर लोग इस बात को जानते हैं लेकिन अक्सर पालन नही करते हैं। भोजन को अच्छी तरह चबाने के दो फायदे होते हैं। पहला तो यह कि ऐसा करने से भोजन अच्छी तरह से लुग्दी बन जाता है जिसके कारण उसके पाचन और आँतों द्वारा शोषण में आसानी रहती है और भोजन के सम्पूर्ण पौष्टिक तत्व शरीर को मिल जाते हैं। दूसरा फायदा यह होता है कि भोजन में पेट में जाने से पहले लार अच्छी तरह मिल जाती है जिसके कारण वह आमाशय में जाकर गैसट्रिक जूस के लिए पाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए अच्छा रहता है।
5 :- पाँचवा नियम यह है कि भोजन करते समय एकदम शांतचित्त एवं मौन रहना चाहिये। मन के चलायमान रहने की दशा में भूख पर प्रभाव पड़ता है और किसी से बाते करते वक्त या बोलते समय खाने से खाने में लार मिलने एवं भोजन के सुचारू रूप से चबाये जाने की प्रक्रिया बाधित होती है।
6 :- भोजन करने का छ्ठा नियम हमको बताता है कि भोजन के साथ पानी का सेवन कैसे करना चाहिये। भोजन से आधा घण्टा पाहले पानी पिया जा सकता है उसके बाद नही। भोजन करते समय पानी नही पीना चाहिये। यदि बहुत आवश्यक हो तो बस एक दो छोटे सिप ही पीना चाहिये, ज्यादा मात्रा में पीने से पाचक रसों की सान्द्रता कम हो जाती है जिसके कारण पाचन प्रक्रिया बाधित होती है। भोजन करने के बाद भी लगभग चालीस मिनट के बाद ही भरपेट पानी का सेवन करना चाहिये। क्योंकि इतने वक्त तक जठराग्नि भोजन के पाक का कार्य करती है और इस दौरान ज्यादा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया बहुत मंद हो जाती है जिसके कारण ही अधिकतर रोग हमको पैदा होते हैं। आगे की स्लाइड में हम आपको और कुछ नियमों की जानकारी दे रहे हैं। Youtube पर हमें सब्स्क्राब करें :- Prakashit Ayurved Meerut
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